कंप्यूटर एक इलेक्ट्रोनिक डिवाइस है जो यूजर के द्वारा दिए गए इनपुट(input) को प्रोसेस करके आउटपुट(Output) देता है. कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो अर्थमेटिक (Arithmetic) और लॉजिकल (Logical) ऑपरेशन को परफॉर्म करता है.
दुसरे शब्दों में कहे तो “ कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जिसका उपयोग दिए गए निर्देशों के अनुसार डाटा को manipulate करने के लिए किया जाता है.”
Computer शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के “COMPUTE” शब्द से हुई है. जिसका अर्थ “गणना” होता है अतः कंप्यूटर को “गणक” या “संगणक” भी कहा जाता है. पुराने समय में कंप्यूटर का उपयोग केवल गणना करने के लिए किया जाता था लेकिन वर्तमान में आप सभी जानते है कंप्यूटर का उपयोग कुछ कार्यों तक सिमित नहीं है. वर्तमान में छोटे से कार्यों से लेकर बड़े-बड़े साइंटिफिक रिसर्च में कंप्यूटर का उपयोग हो रहा है.
पुराने समय में कंप्यूटर एक बड़े कमरे के अकार में होते थे. जो वर्तमान के हजारो कंप्यूटर के बराबर उर्जा की खपत करते थे. आजकल कंप्यूटर विभन्न साइज़ और आकार में उपलब्ध है. अब कंप्यूटर को इतना छोटा बनाया जा रहा है की उसे कलाई घडी में फिट किया जा सके.
अनुक्रम --दिखाएँ --उन्नीसवीं शताब्दी के शुरवात में अंग्रेज गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने एक गणना मशीन बनाने की आवश्यकता महसूस कि. और उसके बाद गणना मशीन के निर्माण में कार्य करने लगे.
सन 1822 में चार्ल्स बैबेज ने एक गणना मशीन का निर्माण किया, जिसका नाम डिफेन्स इंजन रखा गया. डिफेन्स इंजन में गियर और सॉफ्ट लगे थे. डिफेन्स इंजन भाप से चलता था.
इसके बाद सन 1833 में चार्ल्स बैबेज में डिफेन्स इंजन का विकसित रूप एनालीटिकल इंजन (Analytical Engine) तैयार किया. एनालीटिकल इंजन एक पावरफुल मशीन था जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के गणना कार्य, निर्देशों की संगृहीत करने में किया जाने लगा.
चार्ल्स बैबेज का यह एनालीटिकल इंजन आधुनिक कंप्यूटर का आधार बना है. यही कारण है कि चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर के आविष्कार और कंप्यूटर का जनक कहा जाता है.
वैसे ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा की कंप्यूटर ने हमारे सभी जटिल कार्यों को आसन बना दिया है. आज के समय में कोई भी साधारण आदमी कंप्यूटर की विशेषता और क्षमता को असानी से बता सकता है.
Computer किसी भी कार्य को बहुत ही तेज गति से कर सकता है. कंप्यूटर कुछ ही मिली सेकंड के अन्दर गुना, भाग और जोड़,घटाव जैसे करोड़ों क्रियाएं (Operation) संपन्न कर सकता है.
यदि कंप्यूटर को एक बार निर्देश(Instruction) दे दिया जाये तो वह अपने काम को आटोमेटिक ही करता है. कंप्यूटर काम को शुरू करने के बाद बिना किसी सहायता या व्यवधान के काम को पूरा करता है.
Computer अपना कार्य को बिना किसी गलती के करता है. कंप्यूटर में गलती की सम्भावना नहीं होती है. कंप्यूटर कोई भी कार्य को 100% शुध्दता (Accuracy) के साथ करता है. कंप्यूटर स्वयं कभी भी गलती नहीं करता है यूजर या ऑपरेटर से गलती हो सकती है.
कंप्यूटर किसी भी कार्य को लगातार घंटो, दिनों एवं महीनो तक कर सकता है. कंप्यूटर को कभी थकावट नहीं होती है. कंप्यूटर लगातार काम करने के बाद भी परिणाम में 100% शुध्दता देता है. कंप्यूटर के लिए कोई भी काम उबाऊ या रूचिपूर्ण नहीं होता है वह सभी कार्य को एक सामान योगदान देता है.
कंप्यूटर पूरी तरह से विश्वसनीय डिवाइस होते है. इसमें जो रिजल्ट प्राप्त होता है वह 100% सही होते है. कंप्यूटर में गलती की सम्भावना नहीं होती है. जो काम कंप्यूटर को दिया जाता है. वह पूरी तरह से बिना किसी रुकावट के पूरा करता है. कंप्यूटर इंसानों की तरह धोखा नहीं देते है.
सार्वभौमिकता (Versatility) गुण के कारण कंप्यूटर का उपयोग आज पूरी दुनियां में हो रहा है. कंप्यूटर साधारण से साधारण और कठिन से कठिन सभी कार्यों को असानी से कर सकता है. कंप्यूटर का उपयोग गणितीय, व्यवसायिक, शिक्षा, सूचना, मेडिकल, खेलकूद, मौसम एवं वैज्ञानिक रिसर्च जैसे सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है.
वर्तमान में कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता असीमित है. कंप्यूटर में लाखों करोड़ों शब्दों को एक छोटी से जगह में स्टोर करके रखा जा सकता है. कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के डाटा, सॉफ्टवेर, इमेज, पिक्चर,टेक्स्ट, ऑडियो, विडियो, और एनीमेशन स्टोर करके रख सकता है. कंप्यूटर की सेकेंडरी मेमोरी में डाटा को स्थायी रूप में स्टोर करके रखता है.
Computer एक समय में एक से अधिक कार्य कर सकता है. कंप्यूटर में गाना सुनते हुए डॉक्यूमेंट और इन्टरनेट में कार्य किया जा सकता है. एक ही समय में एक से अधिक कार्य किया जा सकता है.
हर मशीन की कुछ सीमा या लिमिटेशन होती है वैसे ही कंप्यूटर की कुछ सीमाएं है जो हम निचे बता रहे है.
कंप्यूटर में बुध्दिमता की कमी होती है. वह स्वयं किसी भी कार्य के लिए डिसीजन नहीं ले पाता है. जब यूजर या ऑपरेटर निर्देश देते है तभी वह कार्य करता है. उदहारण के लिए यूजर ने “2 + 3” दबाया है तो कंप्यूटर तब तक उत्तर नहीं देगा जब तक “=” न दबाया जाये. कंप्यूटर बुध्दी के हिसाब से नहीं बल्कि निर्देशों के हिसाब से कार्य करता है.
कंप्यूटर कितना भी शक्तिशाली हो उसका कण्ट्रोल कंप्यूटर यूजर या ऑपरेटर के पास होता है. कंप्यूटर अपनी आत्मरक्षा नहीं कर सकता है. कंप्यूटर गलत और सही का डिसीजन नहीं ले सकता है. कंप्यूटर को निर्देशों से मतलब होता है चाहे निर्देश गलत हो या सही. वह उसका पालन करता है. कंप्यूटर ऑपरेटर या यूजर की पहचान आई डी और पासवर्ड से करता है. यदि कंप्यूटर को नष्ट होने का इंस्ट्रक्शन दिया जाये तो वह अपने आप को भी नष्ट कर लेगा.
कंप्यूटर मुख्यतः सॉफ्टवेर और हार्डवेयर से मिलकर बना होता है. जिनके बिना वह काम नहीं कर सकता है. यदि कंप्यूटर से सॉफ्टवेर को हटा दिया जाये, तो वह डैड (मृत) माना जाता है. उसी प्रकार यदि कंप्यूटर के किसी हार्डवेयर पार्ट को हटा दिया जाये तो भी वह काम नहीं कर सकता है. तो दोस्तों आइये देखते है कंप्यूटर के वे महत्वपूर्ण हार्डवेयर और सॉफ्टवेर पार्टस कौन से है.
कंप्यूटर के वे भाग जिनको हम देख और छू सकते है. उसे कंप्यूटर हार्डवेयर कहा जाता है. दुसरे शब्दों में कंप्यूटर के भौतिक भाग (physical part of computer) को हार्डवेयर कहा जाता है. कंप्यूटर बहुत से हार्डवेयर से मिलकर बना होता है. जो निम्नलिखित है-
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कंप्यूटर के वे भाग जिनको हम देख सकते है लेकिन छू नहीं सकते है. उसे कंप्यूटर सॉफ्टवेर कहा जाता है. दुसरे शब्दों में कंप्यूटर के लॉजिकल भाग (logical part of computer) को सॉफ्टवेर कहा जाता है. कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेर होते है. जो निम्नलिखित है-
कंप्यूटर एक multipurpose इलेक्ट्रॉनिक मशीन है. अतः कंप्यूटर को सीधे-सीधे प्रत्यक्ष रूप से बंटाना कठिन समस्या है. जिसके कारण कंप्यूटर को निम्नलिखित 3 आधार पर बाँटा गया है.
कंप्यूटर को उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के आधार पर निम्नलिखित 3 प्रकार में बाँटा गया है.
वे सभी कंप्यूटर जिनका उपयोग भौतिक मात्राओं को जैसे तापमान, दाब, उचाई और लम्बाई को मापने के लिए किया जाता है. उन सभी कंप्यूटर को एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) कहते है.
जैसे:- स्पीडोमीटर, प्रेशर गेज, एनालॉग वोल्टमीटर इत्यादि.
वे सभी कंप्यूटर जिनका उपयोग डिजिटल गणनाओं के लिए किया जाता है. उन सभी कंप्यूटर को डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) कहते है. डिजिटल कंप्यूटर डाटा को 0 और 1 में बदलकर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में स्टोर करता है.
जैसे:- माइक्रो कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, लैपटॉप, डेस्कटॉप, सुपर कंप्यूटर इत्यादि.
वे सभी कंप्यूटर जिनका उपयोग एनालॉग और डिजिटल दोनों के कार्यों के लिए किया जाता है. उन सभी कंप्यूटर को हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer) कहते है. यह कंप्यूटर एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर के कॉम्बिनेशन से मिलकर बना होता है. जिसमे दोनों कंप्यूटर के गुण होते है.
जैसे:- मेडिकल उपकरण, मॉडेम इत्यादि.
कंप्यूटर को उद्देश्य के आधार पर निम्नलिखित 2 प्रकार में बाँटा गया है.
वे सभी कंप्यूटर जिनका उपयोग सामान्य दैनिक जीवन में होने वाले कार्य के लिए किया जाता है. अर्थात वे सभी कंप्यूटर जिनका उपयोग घरेलु कार्य, व्यावसायिक कार्य, मशीनरी कार्य और गणितीय कार्य के लिए किया जाता है. उनको General Purpose Computer कहते है.
जैसे:- माइक्रो कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, लैपटॉप, डेस्कटॉप इत्यादि.
वे सभी कंप्यूटर जिनका उपयोग विशेष कार्यों के लिए किया जाता है. अर्थात वे सभी कंप्यूटर जिनका उपयोग वैज्ञानिक रिसर्च, अन्तरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान, शोध, एवम् उपग्रह कार्यों के लिए किया जाता है. उनको Special Purpose Computer कहते है.
कंप्यूटर को उसके के आकार के आधार पर निम्नलिखित 4 प्रकार में बाँटा गया है.
आधुनिक युग के सबसे सस्ते और छोटे कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर कहा जाता है. ऐसे कंप्यूटर तकनिकी रूप से अन्य कंप्यूटर की तुलना में कम क्षमता वाले कंप्यूटर होते है. माइक्रो कंप्यूटर को personal computer (PC) भी कहा जाता है. इनके माध्यम से निम्न कार्य किये जाते है.
माइक्रो कंप्यूटर के उदहारण:- लैपटॉप, डेस्कटॉप, पाम्पटॉप इत्यादि.
मिनी कंप्यूटर की साइज़ माइक्रो कंप्यूटर से बड़ी होती है. लेकिन मेनफ्रेम और सुपर कंप्यूटर से छोटी होती है. इसलिए इसे मध्यम आकार के कंप्यूटर कहते है. मिनी कंप्यूटर की क्षमता माइक्रो कंप्यूटर से बहुत अधिक होती है.
मिनी कंप्यूटर का उपयोग छोटी से मध्यम कंपनी अपने कार्यों के लिए करते है. इसका उपयोग व्यक्तिगत रूप में नहीं किया जाता है. क्योकिं या माइक्रो कंप्यूटर से बहुत महँगी होती है. इनके माध्यम से निम्न कार्य किये जाते है.
मिनी कंप्यूटर के उदहारण:- PDP-8, IBM’s AS/400e, Honeywell200, TI-990 इत्यादि.
मेनफ्रेम कंप्यूटर का आकार मिनी और माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में बहुत बड़ा होता है. साथ ही इनकी कीमत और प्रोसेसिंग क्षमता बहुत अधिक होती है. मेनफ्रेम कंप्यूटर में एक साथ सैकड़ो यूजर कार्य कर सकते है. अनेक माइक्रो कंप्यूटर को जोड़ा जा सकता है.
मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग बहुत बड़ी बड़ी कंपनीयां जैसे बैंक और सरकारी विभाग करते है. जिसके माध्यम से निम्न कार्य किये जाते है.
मेनफ्रेम कंप्यूटर के उदहारण:- IBM 4381, ICL 39 IBM zSeries, System z9 and System z10 servers इत्यादि.
सुपर कंप्यूटर अन्य सभी कंप्यूटर की तुलना में अधिक क्षमता वाले, अधिक गति वाले और अधिक स्टोरेज क्षमता वाले कंप्यूटर है. जिसमे अनेक CPU समान्तर क्रम में एक साथ कार्य करते है.
मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग बहुत बड़ी बड़ी कंपनीयां और सरकारी विभाग करते है. जिसके माध्यम से निम्न कार्य किये जाते है.
सुपर कंप्यूटर के उदहारण:- CRAY-2, XMP-24, NEC-500, Summit, PARAM, इत्यादि.
विभिन्न प्रकार के मशीनों को कण्ट्रोल करने के लिए जिन कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है उन सभी कंप्यूटर को “एम्बेडेड कंप्यूटर” कहते है. उदाहरण के लिए एम्बेडेड कंप्यूटर का उपयोग बच्चों के खिलौनों से लेकर, डिजिटल कैमरा, स्मार्ट डिवाइस, रोबोट, लड़ाकू विमान इत्यादि में किया जाता है.
तो दोस्तों उम्मींद करता हु यह लेख कंप्यूटर क्या है? ( What is computer in hindi), कंप्यूटर की विशेषताएं , कंप्यूटर के कितने भाग होते हैं?, सुपर कंप्यूटर क्या है, कंप्यूटर क्या है इसकी उपयोगिता एवं विशेषताएँ बताइएआपको बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख ( computer kya hai ) पसंद आया हो तो लाइक करें। लोगो को शेयर करें।
अब दोस्तों यदि कोई ये कंप्यूटर क्या है? (What is computer in hindi) से जुड़े तथ्यों की चर्चा करता है मैक कंप्यूटर क्या है? (What is computer in hindi) तो आप आसानी से जवाब दे पाएंगे। दोस्तों कोई सवाल आप पूछना चाहते है तो निचे Comment Box में जरुर लिखे और अगर आपके को सुझाव है तो जरुर दीजियेगा। दोस्तों हमारे अन्य वेबसाइट https://www.nayabusiness.in एवं Youtube चैनल computervidya को अगर आप अभी तक सब्सक्राइब नहीं किये तो तो जरुर सब्सक्राइब कर लेवें।